बुन्देली कहावतें
बुन्देली कहावतें
More specific terms
- NT1 अँसुआ न मसुआ,बाबाजी के टसुआ
- NT1 अंदरा की लात खदरा में
- NT1 अंधरन की लोड़ कितउं लगे ॥
- NT1 अकल बड़ी के भैंस
- NT1 अकुलायें खेती,सुस्तायें बंज ॥
- NT1 अकेली हरदसिया, सबरो गाँव रसिया ॥
- NT1 अकेलो चना भार नईं फोरत
- NT1 अकौआ से हाती नईं बंदत ॥
- NT1 अक्कल के पाछें लट्ठ लयें फिरत
- NT1 अक्कल को अजीरन
- NT1 अक्कल पै पथरा पर गये ॥
- NT1 अक्कल बिन पूत लठेंगर से,लरका बिन बऊ डेंगुर सी ।
- NT1 अगह्न दार को अदहन
- NT1 अगारी तुमाई, पछारी हमाई
- NT1 अत कौ भलौ न बरसबो, अत की भली न धूप ॥
- NT1 अत कौ भलौ न बोलनो, अत की भली न चुप्प ।
- NT1 अपनईं गावें, अपनईं बजावें ॥
- NT1 अपनी टेक भँजाइ, बलमा की मूँछ कटाई ॥
- NT1 अपनी मताई से कोऊ भट्टी नईं कत ॥
- NT1 अरुआ नातो, परुआ गोत ॥
- NT1 आँखों के आंदरे, नाव नैनसुख
- NT1 आईमाई चंडका धरें मूड़ पे हंडका,तोय खाऊँ तोरे बेलन खाऊँ,कुठिला भरी धान भुसी कर जाऊँ।
- NT1 आग लगे तोरी पोथिन मैं ।
- NT1 आदमियन में नौआ, और पंछियन में कौवा ॥
- NT1 आवत-आवत सब भले,आवत भले न चार,विपद,बुढ़ापौ ,आपदा और अनीति धार।
- NT1 इतै कौन तुमाओ नरा गड़ो
- NT1 इनईं आंखन बसकारो काटो
- NT1 इमली के पत्ता पे कुलांट खावो
- NT1 ईंगुर हो रईं
- NT1 उंगरिया पकर के कौंचा पकरबो
- NT1 उखरी में मूंड़ दओ, तो मूसरन को का डर
- NT1 उजार चरें और प्यांर खायें
- NT1 उठाई जीभ तरुआ सें मारी ।
- NT1 उन बिगर कौन मॅंड़वा अटको
- NT1 उनकी पईं काऊ ने नईं खायीं
- NT1 उड़त चिरैंया परखत
- NT1 उड़ो चून पुरखन के नाव
- NT1 ऊंची दुकान फीको पकवान
- NT1 ऊंट पे चढ़के सबै मलक आउत
- NT1 ऊटपटांग हांकबो
- NT1 एक कओ न दो कुआओ
- NT1 एक तरैया पापी देखे,दो देखे चंडाल,तीन तरैया राजा देखे सब देखे संसार
- NT1 एक तो दूबरे ऊपर सें दो आषाढ़
- NT1 एक म्यांन में दो तलवारें नईं रतीं
- NT1 ऐंता जरे,सोम फटे,मंगल पीरा होय
कपड़ा पैरो तीन बार,बुध,ब्रहसपित,शुक्रवार।
- NT1 ऐसे जीबे से तो मरबो भलो
- NT1 ऐसे होते कंत तौ कायखों जाते अंत।
- NT1 ओंगन बिना गाड़ी नईं ढड़कत।
- NT1 ओंधे मो डरे
- NT1 ओई पातर में खायें, ओई में छेद करें
- NT1 कंडी कंडी जोरें बिटा जुरत
- NT1 कछवारें बगार नईं लगत ।
- NT1 कछु झार झरौ,कछु प्याँर झरी ।
- NT1 कछु धौ चीकने कछु कुलरा भौंथरे ।
- NT1 कटी उँगरिया पे नईं मूतत।
- NT1 कटे पे नोन-मिर्च भुरकवो ।
- NT1 कठवा की हँड़िया एकई बेर चड़त है ।
- NT1 कतकीं कीं कौंरीं ,टटोत कीं कर्रीं ।
- NT1 कतन्नी सी जीब चलत
- NT1 कत्थर-गुद्दर सोवें,मरजादी बैठे रोवें ।
- NT1 कनवा से कनवा केहो,कनवा जेहे रूठ । हौले -हौले पूँछ लेओ कैंसे गई ती फूट
- NT1 कबऊँ पनईयन साँप मरे हैं ।
- NT1 कबसें राजा ईसुर भए,कोदों के डीं बिसर गए ।
- NT1 कयें कयें धोबी गदा पै नईं चढ़त
- NT1 कयें खेत की सुने खरयान की
- NT1 कयें खेत की,सुने खरयान की ।
- NT1 कर खेती परदेसे जाय,ओको जनम अकारथ जाय ।
- NT1 करघा छोड़ तामसें जाय,नाहक चोट जुलाहा खाए ।
- NT1 करता से कर्तार हारो
- NT1 करबे सें करतार हारो ।
- NT1 करम छिपें ना भभूत रमायें
- NT1 करिया अक्षर भैंस बराबर
- NT1 करी और करके ने जानी
- NT1 करें न धरें, कहें सनीचर लगो।
- NT1 करेला और नीम चढो
- NT1 का खांड़ के घुल्ला हो, जो कोऊ घोर कें पीले
- NT1 काजर लगाउतन आंख फूटी
- NT1 कान में ठेंठा लगा लये
- NT1 कुंअन में बांस डारबो
- NT1 कुंआ बावरी नाकत फिरत
- NT1 कुत्ता की पूँछ बारा साल पुंगरिया में धरो,बा रेहे टेड़ी की टेड़ी
- NT1 कोऊ को घर जरे, कोऊ तापे
- NT1 कोऊ मताई के पेट सें सीख कें नईं आऊत
- NT1 कोरे के कोरे रे गये
- NT1 कौआ के कोसें ढोर नैं मरत
- NT1 कौन इतै तुमाओ नरा गड़ो
- NT1 कड़वारे की कोदों खायें ,ठसक के मारें मरीं जायें ।
- NT1 कड़वारो काड़ तीजा करी ।
- NT1 कड़ी मुराई ने मुरे ,बरिन खों हाँत पसारें ।
- NT1 कड़ेरे कें ब्याओ,कुंदेरो हाँत जोरत फिरे ।
- NT1 कड़ेरे कें लरका भओ,कुंदेरें खों बधाई ।
- NT1 खता मिट जात पै गूद बनी रत
- NT1 खाईं गकरिएं गुड़ घी सें,डुकरा लग गओ हमाये जी सें ।
- NT1 खाईं गकरियां, गाये गीत, जे चले चेतुआ मीत
- NT1 खाकें मूतें,सोबे बाँयें,ताकें वैद कबहुँ नईं जायें।
- NT1 खाबे खों मउआ,पेनबे खों अमौआ।
- NT1 खीर में सोंझ,महेरी में न्यारे
- NT1 खेत के बिजूका
- NT1 गंगा नहाबो
- NT1 गढवाँत के पथरा
- NT1 गरीब की लुगाई, सबकी भौजाई
- NT1 गांव को जोगी जोगिया, आनगांव को सिद्ध
- NT1 गुड़ खांएं गुलगूलों से परेज
- NT1 गोऊंअन के संगे घुन पिस जात
- NT1 गोली सें बचे, पै बोली से ना बचे
- NT1 घर के खपरा बिक जेयें
- NT1 घर को परसइया, अंधियारी रात
- NT1 घर को भूत, सात पैरी के नाम जानत
- NT1 घर घर मटयारे चूले हैं
- NT1 घरई की अछरू माता, घरई के पंडा
- NT1 घरई की कुरैया से आंख फूटत
- NT1 घी देतन बामन नर्रयात
- NT1 घोड़न को चारो, गदन कों नईं डारो जात
- NT1 चतुर चार जगां से ठगाय जात
- NT1 चलत बैल खों अरई गुच्चत
- NT1 चाँउर की कनी उर भाले की अनि
- NT1 चित्त तुमाई, पट्ट तुमाई
- NT1 चूले में हगो और सनीचर खों दोस देओ
- NT1 चूलौ है चमकदार,हँडिया है बैठकदार । छै मइना में चुर है दार। पावनों है गम्मखोर ,बैठो रेहे बरस रोज
- NT1 चोंटिया लेओ न बकोटो भराओ
- NT1 छाती पै पथरा धरो
- NT1 छाती पै होरा भूंजत
- NT1 छिंगुरी पकर कें कोंचा पकरबो
- NT1 छिए को छिनारो
- NT1 छै महीनों को सकारो करत
- NT1 जगन्नाथ को भात, जगत पसारें हाथ
- NT1 जब की तब सें लगी
- NT1 जब दाँत हते तब चना ने ते,अब चना हैं तो दाँत नैया
- NT1 जब से जानी, तब सें मानी
- NT1 जा कान सुनी, बा कान निकार दई
- NT1 जाओ पूत दक्खिने ,सोई करम के लच्छिने ।
- NT1 जाके पांव ना फटी बिम्बाई, सो का जाने पीर पराई
- NT1 जागे सो पावे ।
- NT1 जिउ धरौ मोरो रोटिन में ॥
- NT1 जित्ते मों उत्ती बातें
- NT1 जित्तो खात. उत्तई ललात
- NT1 जित्तो छोटो, उत्तई खोटो
- NT1 जियत जियत लौं सबसें नातो,मरें घरी भर रोत ।
- NT1 जीको खाबे ऊको बजाबे
- NT1 जेको खाइए भतवा,ऊको गाईए गीतवा
- NT1 जैसो देस, तैसो भेष
- NT1 जैसो नचाओ, तैसो नचने
- NT1 जो गैल बताये सो आंगे होय
- NT1 जोलों सांस, तौलों आस
- NT1 झरे में कूरा फैलाबो
- NT1 टंटो मोल ले लओ
- NT1 टका सी सुनावो
- NT1 टांय टांय फिस्स
- NT1 ठांडो बैल, खूंदे सार
- NT1 ठैरो बताउत हैं।
- NT1 डँगरा सो दरकबो
- NT1 तन पै नइयाँ लत्ता ,पान खायें अलबत्ता ।
- NT1 तनक तमाखू गजब करावे ,जगन्नाथ को भात । जिनके पुरखन भीख न माँगी ,सोई बढ़ावें हाँत ।
- NT1 तनक सी किल्ली,नों मन काजर ।
- NT1 तपा तप रये
- NT1 तपे जेठ तो बरसा होय भरपेट ।
- NT1 तरे के दांत तरें, और ऊपर के ऊपर रै गये
- NT1 तला में रै कें मगर सों बैर
- NT1 तवा कैंसी बूंद ।
- NT1 तिरिया चरित जाने नहीं कोय ,खसम मारकें सती होय ।
- NT1 तिल को ताड़ बनाबो
- NT1 तीन में न तेरा में, मृदंग बजाबें डेरा में
- NT1 तुम जानो तुमाओ काम जाने
- NT1 तुम तो मिठ्या की बिलैया हो रए ।
- NT1 तुम हमाई न कओ, हम तुमाई न कयें
- NT1 तुमाओ ईमान तुमाय संगे
- NT1 तुमाओ मो नहिं बसात
- NT1 तुमाये मों में घी शक्कर
- NT1 तेली को बैल बना रखो
- NT1 थूंक कैं चाटत
- NT1 दबो बानिया देय उधार
- NT1 दांत काटी रोटी
- NT1 दांतन पसीना आजे
- NT1 दान की बछिया के दाँत नईं गिने जात ।
- NT1 दान की बछिया के दांत नहीं देखे जात
- NT1 दूर जमाई फूल बिरोबर,गाँव जमाई आदौ। घर जमाई खर कीं नाईं,मन आये सो लादो ।
- NT1 देखत की धना नोनी ,रेंटा कते ने पोनी ।
- NT1 धरम के दूने
- NT1 धान गिरे सुभागे को,गोंऊँ गिरे अभागे को ।
- NT1 धान पुरानो,घी नओ ।
- NT1 धान,पान,उखेरा ,तीनऊँ पानी के चेरा ।
- NT1 धान-पान हो रयीं ।
- NT1 धायें धन न माँगें पूत ।
- NT1 धिंगानों रोपें ।
- NT1 धींगे की धरती है ।
- NT1 धीरज धरें हांती,नौ मन खात ।
- NT1 नए बैलों अमास काय करबो ।
- NT1 नाइन सें पेट नहीं छिपत
- NT1 नाम बड़े और दरसन थोरे
- NT1 निबुआ, नोंन चुखा दओ
- NT1 नींद ने देखे टूटी खाट,प्यास ने देखे धोबी घाट। प्रेम ने देखे जात-कुजात,भूँक ने देखे जूँठो भात ।
- NT1 ने ऊमर फोड़ो ने पखा उड़ाओ
- NT1 नौ खायें तेरा की भूंक
- NT1 नौ नगद ना तेरा उधार
- NT1 पके पे निबौरी मिठात
- NT1 पचै को खाबे,रुचे को बोले।
- NT1 पथरा तरें हाथ दबो
- NT1 पथरा से मूंड़ मारबो
- NT1 पराई आंखन देखबो
- NT1 पांव में भौंरी है
- NT1 पांव में मांदी रचायें
- NT1 पाग पिछौरा परदनी खौर गदेला खाट,ये नौ लंबे चाहिए हाट सगाई घाट।
- NT1 पान पुराने घी नओ,उर कुलवंती नार। जे तीनों तब पाइए जब प्रसन्न करतार
- NT1 पानी में आग लगाबो
- NT1 पिंजरा के पंछी नाईं फरफरा रये
- NT1 पुराने चांवर आयें
- NT1 पूस काना टूस ।
- NT1 पूस चूल्हे घूंस ।
- NT1 पेट भरे से काम गकरिएं काऊ की होंय।
- NT1 पेट में लात मारबो
- NT1 पैलें कुठिया में गुर फोरें,फिर पंचायत निपोरें
- NT1 पोनी सो पेट,बहु मार गई जेठ ।
- NT1 प्रीत करे को जौ फल पाओ,अपन थुके और हमें थुकाओ ।
- NT1 पड़े लिखे मूसर
- NT1 पढ़ाओ पढ़े ना खूसर,नवाओ नबे ना मूसर ।
- NT1 फटकचन्द गिरधारी,जिनकें लोटा ना थारी ।
- NT1 फाग के कुटे और दिवारी केलुटे खों कोउ नईं पूंछत ।
- NT1 बंदर जोगी अग्नि जल सूजी सुआ सुनार जे दस न होंय आपने कूटी कुटक कलार ।
- NT1 बऊ शरम की बिटिया करम की
- NT1 बचन खुचन को सीताराम
- NT1 बातन फूल झरत
- NT1 बिना मरें सरग नईं मिलत
- NT1 बूढ़े मों मुहाँसे
- NT1 बड़ी नाक बारे बने फिरत
- NT1 भूँक में चना चिरौंजी
- NT1 भूँकें बेर अघाने पौंड़ा
- NT1 भौंके ने गुर्राय,मसकैं काट जाय
- NT1 मउआ मेवा बेर कलेवा,गुलगुच बड़ी मिठाई। इतनी चीजें चाहो तो गुड़ाने करो सगाई।
- NT1 मउआ मोरे भुंजे धरे हैं,लटा धरे हैं कूट। ग्योंड़े होकें साजन कड़ गये,कोन बात की चूक।
- NT1 मघा,मूल,अनुराधा रेवे,पुक्ख,पुनर्वस जो शनि सेवे,हाहाकार मचे चोखंडा,पृथि कांपे ओर नोखनण्डा
- NT1 मन मन भावे, मूंड़ हिलाबे
- NT1 मनायें मनायें खीर ना खायें जूठी पातर चांटन जायें
- NT1 मने भावे मूड़ डुलाबे
- NT1 मरका बैल भलो कै सूनी सार
- NT1 मरी मिंदरियाँ छाले पर गये ।
- NT1 मरे की कीने जानी ।
- NT1 मरे को मर्दन ।
- NT1 मरे खों मारें साह मदार ।
- NT1 मरे ढोर खों किल्ली छोड़ देतीं ।
- NT1 मरे पूत कीं बड़ीं-बड़ीं आँखें ।
- NT1 मरे पूत हूँका भराउत ।
- NT1 मरे लौं को नातो,मरे लौं की बैराट ।
- NT1 मरे साँप कीं आँखें कुरेदबो ।
- NT1 मरै न माँचों देय ।
- NT1 मरै ना करै ,हुकुर-हुकुर करै ।
- NT1 मरो बाप रोवें अजा खों ।
- NT1 मर्द मुछारौ,बर्द पुछारौ ।
- NT1 मसान को भूत ।
- NT1 माँग-चूँग कें करी तीजा,भोरईं हो गओ बीदक-बीदा ।
- NT1 मांगे के बैल,अँधिरिया रात ।
- NT1 मांगे को मठा मोल बिरोबर।
- NT1 मार जोतिये ,कुले ब्याइये ।
- NT1 मारत के अंगारूँ और भागत के पछारूँ ।
- NT1 मारीं मरें मलारें गावें ।
- NT1 मारें और रोउन ने दयें ।
- NT1 मारें मरें निरसई के ,मूँछन खों घी चुपरें ।
- NT1 मारें मरें निरसई के,दई की लएं डकारें ।
- NT1 माव तिलातिल बाड़े ,फगुना गोड़ पसारे ।
- NT1 मियाँ मरें आफत की ठेल,बीबी कहे शिकारे खेल ।
- NT1 मिसरी सी घुर रईं ।
- NT1 मीठी मीठी बातन पेट नहीं भरत
- NT1 मीठे के बस जूँठो खैईये ।
- NT1 मीठो और भर कठौती ।
- NT1 मुँगरिया सर गई तो भड़फोर लाक तोई बनी ।
- NT1 मुँठी सें मते,बारा सी मूँछें ।
- NT1 मुंडी गैया सदा कलोर ।
- NT1 मूंछन पै ताव दैवो
- NT1 मूतत के ने माड़ पसाउत के
- NT1 मों में आई सो धर कई ।
- NT1 मों में आओ और पिछल गओ ।
- NT1 मों में मुसीका दयें रओ ।
- NT1 मों में राम राम भीतर कसाई को काम ।
- NT1 मोटी खाल दूद की हान,पतरी खाल दुधारू जान ।
- NT1 मोय बूझ मैँ खरो ।
- NT1 मोर आंगें को भओ लड़ैया,मोई सें अब्बे-तब्बे ।
- NT1 मोरी खिलायी लुखरो ,और मोई सें लोखरफंद ।
- NT1 मोरे खुदाय अबरा -डबरा,मोई सें लगे बुलयान ।
- NT1 मोरे घर सें आगी ल्यायीं ,नाओ धरो बैसान्दुर ।
- NT1 मोरे तो मम्मा बीच हैं ।
- NT1 मोरे बटखरा,मोई खों ठगें लेत ।
- NT1 मोरे भरोसे रईयो ना ,और विराने खों जइयो ना ।
- NT1 मोरें पीसें पिसनारी,मैँ राउर पीसन जाओं ।
- NT1 मोरें हैं सो कोउ कें नइयाँ ।
- NT1 मोरो छगन-मगन सोने को ।
- NT1 मोसें बची तब और ने पाई ।
- NT1 मौ देखो व्यवहार
- NT1 मौत की दबाई नइयाँ ।
- NT1 रात थोरी, स्वांग भौत
- NT1 रैत ते हार में,रखाऊत ते चारो,जैंसै जेठ उंसई बसकारो ।
- NT1 लंका जीत आये
- NT1 लंगड़े-लूले बड़े उपाई/ओटपाई,आँख फोड़ बंदूक चलाई
- NT1 लकड़हारे की मूड़ पे खता
- NT1 लकड़ी बेंचत लखन देखे,घाँस खोदत धनधनरा। अमर हते ते मरतन देखे ,तुमई भले ठनठनरा ।
- NT1 लपसी सी चांटत
- NT1 लम्पा से ऐंठत
- NT1 लरका के भाग्यन लरकोरी जियत
- NT1 लाख कई पर एक नईं मानी
- NT1 लाल बरसे ताल भर,सेत बरसे खेत भर ,कारो बरसे पारो भर । धुआँधार छा जाये तो नदी नाले चढ़ जाएँ ।
- NT1 शुक्रवार की बादरी रही सनीचर छाए ,घाघ भेड्डरी यूं भकें बिन बरसे न जाये ।
- NT1 सँदेसों खेती नईं होत
- NT1 सइयां भये कोतबाल अब डर काहे को
- NT1 सकरे में सम्धियानो
- NT1 सत मत छोड़े सूरमा,सत छोड़े पत जाय,सत की बांधी लक्ष्मी,फिर मिलेगी आय ।
- NT1 समय देख कें बात करें चइये
- NT1 सात मते को हाले डोले,नौ मत पड़ी उतानी । एक मते को भलो लड़ैया ,अस्सी कोस लों तानी
- NT1 सावन रोवे रोगिया,भादों रोवे भोगिया ।
- NT1 सोउत बर्रे जगाउत
- NT1 सौ ड़ंडी एक बुंदेलखण्डी
- NT1 सौंजयाई के बाप खों लड़ैया खात हैं
- NT1 हम का गदा चराउत रय
- NT1 हमरे देखत जग गयो,जग देखत हम जाएँ। आपन ठाँडे गैल में औरन खों पछताएँ ।
- NT1 हरो हरो सूजत
- NT1 हांत पाँव के कायले मों में मूँछें जाएं
- NT1 हांसी की सांसी
- NT1 हात पै हात धरें बैठे
- NT1 ढ़ोर से नर्रयात